Last modified on 17 जुलाई 2024, at 00:37

युवजन लिखो / निकानोर पार्रा / राजेश चन्द्र

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:37, 17 जुलाई 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निकानोर पार्रा |अनुवादक=राजेश चन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

युवजन !
लिखो –
जैसाकि तुम लिखना चाहते हो
उसी शैली में लिखो जो बेहतर लगती हो

रक्त बह चुका है बहुत सारा पुल के नीचे से
कोशिश करो यक़ीन करने की –
जैसे मैं यक़ीन करता हूँ
कि रास्ता केवल एक ही है
कविता में
सब कुछ कहा जा सकता है ।

बेशक
इसी शर्त के साथ
तुम सार्थक कर सकते हो
ख़ाली पन्ने को ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र