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प्यार के बदले / कुंवर नारायण
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कई दर्द थे जीवन में :
एक दर्द और सही, मैंने सोचा --
इतना भी बे-दर्द होकर क्या जीना !
अपना लिया उसे भी
अपना ही समझ कर
जो दर्द अपनों ने दिया
प्यार के बदले...