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भूख और सूरज / प्रेमशंकर रघुवंशी

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पेट से भूख और आसमान से सूरज
साथ-साथ प्रकट होते

साथ-साथ होते
विस्फोट

साथ-साथ करते
सरहदें पार

भूख और सूरज !
सूरज और भूख !!