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एक यात्रा के दौरान / छह / कुंवर नारायण
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कवि: कुंवर नारायण
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कुछ आवाज़ें ।
कोई किसी को लेने आया है ।
कुछ और आवाज़ें ।
कोई किसी को छोड़ने आया है।
किसी का कुछ छूट गया है।
छूटते स्टेशन पर
छूटे वक़्त की हड़बड़ी में ।
अब एक बज रहा स्टेशन की घड़ी में ।