धूप क्यों छेड़ती है
रचनाकार | ओम पुरोहित ‘कागद’ |
---|---|
प्रकाशक | कविता प्रकाशन, तेलीवाडा, बीकानेर |
वर्ष | १९८६ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | मुक्त छन्द |
पृष्ठ | ८० |
ISBN | |
विविध | काव्य |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मैं देशद्रोही नहीं हूं / ओम पुरोहित ‘कागद’
- आ ऋतुराज! / ओम पुरोहित ‘कागद’
- रेत का जाया मैं / ओम पुरोहित ‘कागद’
- पत्थरों के शहर में / ओम पुरोहित ‘कागद’
- अधर जीवन / ओम पुरोहित ‘कागद’
- निराला के नाम / ओम पुरोहित ‘कागद’
- पहाड़ बन जाएं / ओम पुरोहित ‘कागद’
- मेरा गांव / ओम पुरोहित ‘कागद’
- मेरा शहर / ओम पुरोहित ‘कागद’
- भविष्य / ओम पुरोहित ‘कागद’
- अस्तित्व का स्वाद / ओम पुरोहित ‘कागद’
- अस्तित्व का एहसास / ओम पुरोहित ‘कागद’
- मैं सूरज पचा लेता हूं / ओम पुरोहित ‘कागद’
- सभ्यता / ओम पुरोहित ‘कागद’
- धूप क्यों छेड़ती है (कविता) / ओम पुरोहित ‘कागद’
- दोहरी चाल प्रकृति की/ ओम पुरोहित ‘कागद’
- लावा / ओम पुरोहित ‘कागद’
- मेरा आंगन / ओम पुरोहित ‘कागद’
- पुरा मुंह सिलवाया है / ओम पुरोहित ‘कागद’
- स्मृतियां / ओम पुरोहित ‘कागद’
- दर्द / ओम पुरोहित ‘कागद’
- कविता सपनों की / ओम पुरोहित ‘कागद’
- नया कैलेण्डर / ओम पुरोहित ‘कागद’
- एक सवाल / ओम पुरोहित ‘कागद’
- ऐसा क्यों / ओम पुरोहित ‘कागद’
- जिन्दगी/ ओम पुरोहित ‘कागद’
- धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र / ओम पुरोहित ‘कागद’
- आंतरिक अकुलाहट / ओम पुरोहित ‘कागद’