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कबीर अजमल
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कबीर अजमल
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जीवन परिचय | |
कबीर अजमल / परिचय |
- अपनी अना से बर-सर-ए-पैकार मैं ही था / कबीर अजमल
- बजाए गुल मुझे तोहफा दिया बबूलों का / कबीर अजमल
- हवा की जद पे चराग-ए-शब-ए-फसाना था / कबीर अजमल
- हुजूम-ए-सय्यार्गां में रौशन दिया उसी का / कबीर अजमल
- इक तसव्वुर-ए-बे-कराँ था और मैं / कबीर अजमल
- कुछ तअल्लुक भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे / कबीर अजमल
- मैं जिस्म ओ जाँ के खेल में बे-बाक हो गया / कबीर अजमल
- शरार-ए-इश्क सदियों का सफर करता हुआ / कबीर अजमल
- सियाही ढल के पलकों पर भी आए / कबीर अजमल
- उफुक के आखिरी मंज़र में जगमगाऊँ मैं / कबीर अजमल
- वो ख़्वाब तलब-गार-ए-तमाशा भी नहीं है / कबीर अजमल
- वो मौज-ए-हवा जो अभी बहने की नहीं है / कबीर अजमल