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गीतावली सुन्दरकाण्ड पद 11 से 20 तक/पृष्ठ 4
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सीताजीसे विदाई
तौलौं, मातु! आपु नीके रहिबो |
जौलौं हौं ल्यावौं रघुबीरहि, दिन दस और दुसह दुख सहिबो ||
सोखिकै, खेतकै, बाँधि सेतु करि उतरिबो उदधि, न बोहित चहिबो |
प्रबल दनुज-दल दलि पल आधमें, जीवत दुरित दसानन गहिबो ||
बैरिबृन्द-बिधवा-बनितनिको देखिबो बारि-बिलोचन बहिबो |
सानुज सेनसमेत स्वामिपद निरखि परम मुद मङ्गल लहिबो ||
लङ्क-दाह उर आनि मानिबो साँचु राम सेवकको कहिबो |
तुलसी प्रभु सुर सुजस गाइहैं, मिटि जैहै सबको सोचु दव दहिबो ||