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गीतावली सुन्दरकाण्ड पद 41 से 51 तक/पृष्ठ 6

(46)

नाहिन भजिबे जोग बियो |
श्रीरघुबीर समान आन को पूरन-कृपा-हियो ||

कहहु, कौन सुर सिला तारि पुनि केवट मीत कियो ?
कौने गीध अधमको पितु-ज्यों निज कर पिण्ड दियो ?||

कौन देव सबरीके फल करि भोजन सलिल पियो ?
बालित्रास-बारिधि बूड़त कपि केहि गहि बाँह लियो ?||

भजन-प्रभाउ बिभीषन भाष्यौ, सुनि कपि-कटक जियो |
तुलसिदासको प्रभु कोसलपति सब प्रकार बरियो ||