भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुमने कोई सवाल पूछा है / सुरेश सलिल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


तुमने कोई सवाल पूछा है

या मिरा हालचाल पूछा है


कोई इसका जवाब दे भी क्या

एक ऎसा बवाल पूछा है


हो चुके होंगे बेज़ुबाँ लाखों

यार, तुमने कमाल पूछा है


(रचनाकाल : 1997)