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झुरमुटों पर चाँदनी / अनुभूति गुप्ता

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कोमल हवाएँ
जब
झुरमुटों पर चाँदनी से
मन्द-मन्द
टकराती हैं।

तो
डालियाँ
आनन्द से
नवपल्लवों को
झूला
झूलाती हैं।

शरद की पूनम में
कलियों का
स्वर्णिम तन
और ही ज़्यादा
खिलता है।

माटी की
भीनी-भीनी गन्ध में
लेप
चन्दन का
जब
मिलता है।