भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अजहू न आयल तोहार छोटी ननदी (कजली) / खड़ी बोली
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:23, 25 मार्च 2008 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
- अजहू न आयल तोहार छोटी ननदी
बरसत सावन तरसत बीता, कजरी के आइन बहार । छोटी ननदी०।।
सब सखि झूला झूलन सावन मां गावत कजरी मलार । छोटी ननदी०।।
पी-पी रटत पपीहा नाचत, मोर किए किलकार । छोटी ननदी०।।
प्रिया प्रेमघन बिन एको छन लागैना जियरा हमार । छोटी ननदी०।।
('कविता कोश' में 'संगीत'(सम्पादक-काका हाथरसी) नामक पत्रिका के सितम्बर 1945 के अंक से)