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"अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर

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अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया
 
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गूलर फरे ले हड़फोर
 
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गोरिया के उठेलाहा छाती के जोबनवाँ
 
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पिया के खेलवना रे होइ
 
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अरे ये तो प्रियतम के लिए खिलौने बनेंगे !'
 
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21:05, 7 फ़रवरी 2011 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अमवा के लागेला टकोरवा रे संगिया
गूलर फरे ले हड़फोर
गोरिया के उठेलाहा छाती के जोबनवाँ
पिया के खेलवना रे होइ

भावार्थ

'आमों के टिकोरे लग गए, ओ संगी !
गूलर भी हड्डियों को फोड़कर फलों से लद गए हैं
गोरी के उरोज भी उभर आए हैं
अरे ये तो प्रियतम के लिए खिलौने बनेंगे !'