भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अरे ए मियाँ बँदरे, सहानी नइया लागी / मगही

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:31, 28 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अरे ए मियाँ बँदरे<ref>दुलहा, बन्ना</ref> सहानी<ref>लाल रंग की, राजसी</ref> नइया<ref>नाव</ref> लागी।
कोठे चढ़ि अम्माँ देखे जी, सहाना माली आया।
सहाना सेहरा लाया रे॥1॥
अरे ए मियाँ बँदरे, नवेली नइया लागी।
अरी ए खेलवड़िये<ref>खिलाड़ी</ref> सहानी नइया लागी॥2॥
कोठे चढ़ि दादी देखें जी सहाना दरजी आया।
अरे ए मियाँ बँदरे, सहाना जोड़ा लाया रे, सहाना जोड़ा लाया॥3॥
कोठे चढ़ि नानी देखें जी, सहाना तँमोली आया जी।
सहाना बीड़ा लाया जी, सहाना बीड़ा लाया।
अरे ए मियाँ बँदरे, सहाना बीड़ा लाया॥4॥
कोठे चढ़ि अम्माँ देखें जी, सहाना डोला आया।
सहाना डोला आया जी, सहानी लाड़ो आई।
अरी ए मियाँ बँदरे, सहानी नइया आई॥5॥

शब्दार्थ
<references/>