भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अलस्सुबह रात्रि / अनुभूति गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनुभूति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:37, 2 मई 2017 के समय का अवतरण

दुखमय सपनों की
सिसकियाँ
बीती मियाद की
मृदुल अनुभूतियांे की
झलकियाँ।

अलस्सुबह
करवटें बदलती
हैं धूप-छाँह की
सूराखों में
और रात्रि में
टँगती हैं उर की
शाखों से।