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"आराम से भाई ज़िन्दगी / भवानीप्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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आराम से भाई ज़िन्दगी
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ज़रा आराम से
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तेज़ी तुम्हारे प्यार की बर्दाशत नहीं होती अब
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इतना कसकर किया आलिंगन
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ज़रा ज़्यादा है जर्जर इस शरीर को
  
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आराम से भाई ज़िन्दगी
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ज़रा आराम से
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तुम्हारे साथ-साथ दौड़ता नहीं फिर सकता अब मैं
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ऊँची-नीची घाटियों पहाड़ियों तो क्या
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महल-अटारियों पर भी
  
आराम से भाई ज़िन्दगी<br>
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न रात-भर नौका विहार न खुलकर बात-भर हँसना
ज़रा आराम से<br>
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आराम से भाई ज़िन्दगी<br>
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और तुम चाहो तो बहला सकती हो मुझे
ज़रा आराम से<br>
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जब तक अँधेरा है तब तक सब्ज़ बाग दिखलाकर
तुम्हारे साथ-साथ दौड़ता नहीं फिर सकता अब मैं<br>
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न रात-भर नौका विहार न खुलकर बात-भर हँसना<br>
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जो हो जाएँगे राख
बतिया सकता हूँ हौले-हल्के बिल्कुल ही पास बैठकर<br><br>
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छूकर सवेरे की किरन
  
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सुबह हुए जाना है मुझे
जब तक अँधेरा है तब तक सब्ज़ बाग दिखलाकर<br><br>
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आराम से भाई ज़िन्दगी
 
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सुबह हुए जाना है मुझे<br>
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आराम से भाई ज़िन्दगी<br>
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ज़रा आराम से ।<br><br>
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08:57, 9 मई 2013 के समय का अवतरण

आराम से भाई ज़िन्दगी
ज़रा आराम से
तेज़ी तुम्हारे प्यार की बर्दाशत नहीं होती अब
इतना कसकर किया आलिंगन
ज़रा ज़्यादा है जर्जर इस शरीर को

आराम से भाई ज़िन्दगी
ज़रा आराम से
तुम्हारे साथ-साथ दौड़ता नहीं फिर सकता अब मैं
ऊँची-नीची घाटियों पहाड़ियों तो क्या
महल-अटारियों पर भी

न रात-भर नौका विहार न खुलकर बात-भर हँसना
बतिया सकता हूँ हौले-हल्के बिल्कुल ही पास बैठकर

और तुम चाहो तो बहला सकती हो मुझे
जब तक अँधेरा है तब तक सब्ज़ बाग दिखलाकर

जो हो जाएँगे राख
छूकर सवेरे की किरन

सुबह हुए जाना है मुझे
आराम से भाई ज़िन्दगी
ज़रा आराम से ।