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"करौं विनती सुनौ भैया समय पै भात लै अइयौ / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
करौं विनती सुनौ भैया समय पै भात लै अइयौ।
सास कों बीरन मोरे लाँगा लुगरों
ससुर कों पाग पिछौरा लै अइयौ।
करौं विनती ...
जिठनी कों बीरन मोरे चुनरी औ चोली
सो जेठा कों कुरता लै अइयौ।
करौं विनती ...
हम कों बीरन मोरे हार औ कंगना
सो बहनोई को धोती कुरता लै अइयौ।
जो मोरे बीरन तुमें इतनो नै पूजै
तौ रीते हाथ चले अइयौ।
करौं विनती ...