भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कहीं कुछ कुरेदता है मुझे / जगदीश चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
* [[इतिहास के अन्धेरे में वसन्त की तलाश / जगदीश चतुर्वेदी]] | * [[इतिहास के अन्धेरे में वसन्त की तलाश / जगदीश चतुर्वेदी]] | ||
* [[सार्थवाहक / जगदीश चतुर्वेदी]] | * [[सार्थवाहक / जगदीश चतुर्वेदी]] | ||
− | * [[बेबीलोन के खण्डहरों में / जगदीश चतुर्वेदी]] | + | * [[बेबीलोन के खण्डहरों में-1 / जगदीश चतुर्वेदी]] |
+ | * [[बेबीलोन के खण्डहरों में-2 / जगदीश चतुर्वेदी]] | ||
* [[जल रहे हैं चिनार / जगदीश चतुर्वेदी]] | * [[जल रहे हैं चिनार / जगदीश चतुर्वेदी]] | ||
'''जब आकाश झुक आता है''' | '''जब आकाश झुक आता है''' |
18:48, 24 अप्रैल 2014 का अवतरण
कहीं कुछ कुरेदता है मुझे
रचनाकार | जगदीश चतुर्वेदी |
---|---|
प्रकाशक | राजसूर्य प्रकाशन, भजनपुरा दिल्ली- 110053 |
वर्ष | 1996 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 88 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इतिहास तैर गया फिर आँखों में
- इतिहास के अन्धेरे में वसन्त की तलाश / जगदीश चतुर्वेदी
- सार्थवाहक / जगदीश चतुर्वेदी
- बेबीलोन के खण्डहरों में-1 / जगदीश चतुर्वेदी
- बेबीलोन के खण्डहरों में-2 / जगदीश चतुर्वेदी
- जल रहे हैं चिनार / जगदीश चतुर्वेदी
जब आकाश झुक आता है
- अतृप्ति का सुख / जगदीश चतुर्वेदी
- अतीत राग / जगदीश चतुर्वेदी
- प्रत्यावर्तन / जगदीश चतुर्वेदी
- कई प्रश्न चिह्नों के बीच / जगदीश चतुर्वेदी
- मिलन के दो रूप / जगदीश चतुर्वेदी
- साँझ के फूल / जगदीश चतुर्वेदी
- अगवानी / जगदीश चतुर्वेदी
- अभिशप्त तृष्णाएँ / जगदीश चतुर्वेदी
- बरसात-1 / जगदीश चतुर्वेदी
- बरसात-2 / जगदीश चतुर्वेदी
- बरसात-3 / जगदीश चतुर्वेदी
- पुरी : कुछ स्मृतियाँ-1 / जगदीश चतुर्वेदी
- पुरी : कुछ स्मृतियाँ-2 / जगदीश चतुर्वेदी
- पुरी : कुछ स्मृतियाँ-3 / जगदीश चतुर्वेदी
- पुरी : कुछ स्मृतियाँ-4 / जगदीश चतुर्वेदी
शताब्दी के भविष्य के लिए
- आवृत्ति : निवृत्ति / जगदीश चतुर्वेदी
- नन्हीं अनन्या के लिए / जगदीश चतुर्वेदी
- पुनरावलोकन / जगदीश चतुर्वेदी
- पत्थरों के शहर में / जगदीश चतुर्वेदी
- समाधिस्थ / जगदीश चतुर्वेदी
- निराला के प्रति / जगदीश चतुर्वेदी
- राजकमल चौधरी की मृत्यु पर / जगदीश चतुर्वेदी
- फेंका हुआ शहर / जगदीश चतुर्वेदी
- कीचड़ में लथपथ विदूषक / जगदीश चतुर्वेदी
- नगर यंत्रणा / जगदीश चतुर्वेदी
- निग्रह / जगदीश चतुर्वेदी
- सूर्य चमक / जगदीश चतुर्वेदी
- कहीं कुछ कुरेदता है मुझे. / जगदीश चतुर्वेदी
- पहाड़ पर बारिश / जगदीश चतुर्वेदी
- आत्मरति / जगदीश चतुर्वेदी
- कई दिनों से / जगदीश चतुर्वेदी