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"कुछ तो दुनिया की इनायात / सुदर्शन फ़ाकिर" के अवतरणों में अंतर

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कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दिया
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और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया
  
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हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
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आयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
  
कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दिया<br>
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दिल तो रोता रहे, ओर आँख से आँसू न बहे
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया<br><br>
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इश्क़ की ऐसी रवायात ने दिल तोड़ दिया
  
हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब<br>
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वो मेरे हैं, मुझे मिल जायेंगे, आ जायेंगे
आयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया<br><br>
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ऐसे बेकार ख़यालात ने दिल तोड़ दिया
  
दिल तो रोता रहे, ओर आँख से आँसू न बहे<br>
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आप को प्यार है मुझ से के नहीं है मुझ से  
इश्क़ की ऐसी रवायात ने दिल तोड़ दिया<br><br>
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जाने क्यों ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया  
 
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वो मेरे हैं, मुझे मिल जायेंगे, आ जायेंगे<br>
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ऐसे बेकार ख़यालात ने दिल तोड़ दिया<br><br>
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आप को प्यार है मुझ से के नहीं है मुझ से <br>
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जाने क्यों ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया <br><br>
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11:20, 7 मई 2014 के समय का अवतरण

   
कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दिया
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया

हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
आयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

दिल तो रोता रहे, ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रवायात ने दिल तोड़ दिया

वो मेरे हैं, मुझे मिल जायेंगे, आ जायेंगे
ऐसे बेकार ख़यालात ने दिल तोड़ दिया

आप को प्यार है मुझ से के नहीं है मुझ से
जाने क्यों ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया