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गालम-गाला, थप्पड़म-थप्पड़ा / दयाचंद मायना

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गालम-गाला, थप्पड़म-थप्पड़ा, हाथां पाई होगे रै
घर के दूर पड़ौसी नेड़ै, दुश्मन भाई होगे रै...टेक

भीष्म कैसे ब्रह्मचारी हुए, यौद्धा जयद्रथ कैसे
अर्जुन और भीम की जोड़ी, दोनूं बैल अरथ कैसे
माँ के जाए रहा करै थे खिचड़ी और घृत कैसे
चाहे तीन लोक मैं फिरकै देखो, ना भाई मिलै भरत कैसे
आज ठीक रास्ता छोड़ मनुष्य, सब उल्टी राही होगे रै...

मनुष्य जून म्हं जन्म लिया, मनै पशु बिना अकल देखे
असली भाई थोड़े सैं, बाकी सब नकल देखे
एक पुष्कर भाई सुण राख्या सै, वीर सैन के नल देखे
आपस के म्हं कटते-मरते अठारह क्षोहिणी दल देखे
महाभारत म्हं आह्मा-साह्मी, ससुर-जमाई होगे रै...

नाश करण की राही सै, आपस की खींचा ताणी रै
नर बाली, सुग्रीव जिसां की, सुणकै देख कहाणी रै
एक भगत विभीषण भाई आगै, बात कहै थे स्वामी रै
उसनै एक ना मानी, करवा बैठा कुणबा घाणी रै
चार वेद का जाणणिया रावण, धेल्या शाही होगे रै...

आपस की खींचाताणी म्हं बहोत घणे घर बिगड़े रै
हम धुर दिन तै सुणते आवैं सैं, यही लड़ाई झगड़े रै
पहलां की तै पहल गई, ईब तलक वोही रगड़े रै
इस भारत के लोग ‘दयाचन्द’ चुगलखोर घणे तगड़े रै
बणती बात बिगाड़न नै, सब लोग-लुगाई होगे रै...