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"जब भी दिल ने दिल को सदा दी / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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मिट्टी तेरी, पानी तेरा
सन्नाटों में आग लगा दी...<br><br>
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जैसी चाही शक्ल बना दी
  
मिट्टी तेरी, पानी तेरा<br>
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छोटा लगता था अफ्साना
जैसी चाही शक्ल बना दी<br><br>
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मैंने तेरी बात बढ़ा दी
 
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छोटा लगता था अफ्साना<br>
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मैंने तेरी बात बढ़ा दी<br>
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17:50, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

जब भी दिल ने दिल को सदा दी
सन्नाटों में आग लगा दी...

मिट्टी तेरी, पानी तेरा
जैसी चाही शक्ल बना दी

छोटा लगता था अफ्साना
मैंने तेरी बात बढ़ा दी