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"जब हे दुलरुआ पूता, बिआहे चलला / अंगिका लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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जब हे दुलरुआ पूता, बिआहे चलला।
 
जब हे दुलरुआ पूता, बिआहे चलला।
बाबा मन परि गेल<ref>स्मरण हो आया</ref>, अम्माँ मन परि गेल।
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बाबा मन परि गेल, अम्माँ मन परि गेल।
 
नैन नीर भरि गेल हे॥1॥
 
नैन नीर भरि गेल हे॥1॥
आह अबसरिया रे गभरू, बाबा रहितौ<ref>रहते</ref> रे अपना।
+
आह अबसरिया रे गभरू, बाबा रहितौ रे अपना।
बाबा जे रहितौ रे गभरू, सजैतौ बरिहेयतिया<ref>बारात; बाराती</ref>॥2॥
+
बाबा जे रहितौ रे गभरू, सजैतौ बरिहेयतिया॥2॥
अम्माँ जे रहितौ रे गभरू, सजैतौ डाला<ref>बाँस की फट्ठियों का बुना हुआ गोलाकार एक प्रकार का पिटारा</ref> हे दौड़बा<ref>दौरा; बाँस की कमाचियों का बुना हुआ बड़ा टोकरा</ref>।
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अम्माँ जे रहितौ रे गभरू, सजैतौ डाला हे दौड़बा।
 
अहि अबसरिया रे गभरू, बहनोइया मन हे परि गेल॥3॥
 
अहि अबसरिया रे गभरू, बहनोइया मन हे परि गेल॥3॥
 
अहि अबसरिया रे गभरू, बहिनी रहितौ हे अपना।
 
अहि अबसरिया रे गभरू, बहिनी रहितौ हे अपना।
बहिनी जे रहितौ रे गभरू, रँजैतौ दूनू<ref>दोनों</ref> हे अँखिया।
+
बहिनी जे रहितौ रे गभरू, रँजैतौ दूनू हे अँखिया।
बहनोइया जे रहितौ रे गभरू, पिन्हैतौ<ref>पहनाता</ref> जामा हे जोड़बा<ref>दुलहे के पहनने का एक रेशमी वस्त्र, जिसका नीचे का भाग लंबा घेरावदार और कमर के ऊपर की काट बगलबंदी सी होती है</ref>॥4॥
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बहनोइया जे रहितौ रे गभरू, पिन्हैतौ जामा हे जोड़बा॥4॥
 
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18:31, 11 दिसम्बर 2023 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जब हे दुलरुआ पूता, बिआहे चलला।
बाबा मन परि गेल, अम्माँ मन परि गेल।
नैन नीर भरि गेल हे॥1॥
आह अबसरिया रे गभरू, बाबा रहितौ रे अपना।
बाबा जे रहितौ रे गभरू, सजैतौ बरिहेयतिया॥2॥
अम्माँ जे रहितौ रे गभरू, सजैतौ डाला हे दौड़बा।
अहि अबसरिया रे गभरू, बहनोइया मन हे परि गेल॥3॥
अहि अबसरिया रे गभरू, बहिनी रहितौ हे अपना।
बहिनी जे रहितौ रे गभरू, रँजैतौ दूनू हे अँखिया।
बहनोइया जे रहितौ रे गभरू, पिन्हैतौ जामा हे जोड़बा॥4॥