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"जिंदगी को सजा नहीं पाया / जगदीश रावतानी आनंदम" के अवतरणों में अंतर

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जिंदगी को सजा नही पाया
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जिंदगी को सजा नहीं पाया
बोझ इसका उठा नही पाया
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बोझ इसका उठा नहीं पाया
  
 
खूब चश्मे बदल के देख लिए
 
खूब चश्मे बदल के देख लिए
तीरगी को हटा नही पाया
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तीरगी को हटा नहीं पाया
  
 
प्यार का मैं सबूत क्या देता
 
प्यार का मैं सबूत क्या देता
चीर कर दिल दिखा नही पाया
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चीर कर दिल दिखा नहीं पाया
  
 
जो थका ही नही सज़ा देते
 
जो थका ही नही सज़ा देते
वो खता क्यों बता नही पाया
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वो खता क्यों बता नहीं पाया
  
 
वो जो बिखरा है तिनके की सूरत
 
वो जो बिखरा है तिनके की सूरत
बोझ अपना उठा नही पाया
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बोझ अपना उठा नहीं पाया
  
 
आईने में खुदा को देखा जब
 
आईने में खुदा को देखा जब
ख़ुद से उसको जुदा नही पाया
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ख़ुद से उसको जुदा नहीं पाया
  
नाम जगदीश है कहा उसने
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नाम "जगदीश" है कहा उसने
और कुछ भी बता नही पाया  
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और कुछ भी बता नहीं पाया  
 
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20:16, 26 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

जिंदगी को सजा नहीं पाया
बोझ इसका उठा नहीं पाया

खूब चश्मे बदल के देख लिए
तीरगी को हटा नहीं पाया

प्यार का मैं सबूत क्या देता
चीर कर दिल दिखा नहीं पाया

जो थका ही नही सज़ा देते
वो खता क्यों बता नहीं पाया

वो जो बिखरा है तिनके की सूरत
बोझ अपना उठा नहीं पाया

आईने में खुदा को देखा जब
ख़ुद से उसको जुदा नहीं पाया

नाम "जगदीश" है कहा उसने
और कुछ भी बता नहीं पाया