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"तेरे प्यार में हर सितम है गवारा / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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तेरे प्यार में हर सितम है गवारा
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नहीं ग़़म है मुझको हो नुक़्सां हमारा
  
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अभी तक सफ़र में था बिल्कुल अकेला
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मगर अब किसी ने मुझे भी पुकारा
  
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यही एक छोटी सी बस जुस्तजू है
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तुम्हीं फिर मिलो गर जनम हो दुबारा
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अगर तुम न होते तो मैं भी न होता
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कठिन जंग में भी कभी मैं न हारा
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मेरे पाँव कैसे फिसल सकते हैं जब
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तेरी बाँह का मिल गया हो सहारा
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प्रथम बार डर -डर के कैसे मिले थे
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नहीं भूल पाता हूँ मैं  वो नजा़रा
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खुशी में किसी को भी साथी बना लो
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ग़मों का है रिश्ता हमारा तुम्हारा
 
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14:53, 16 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण

तेरे प्यार में हर सितम है गवारा
नहीं ग़़म है मुझको हो नुक़्सां हमारा

अभी तक सफ़र में था बिल्कुल अकेला
मगर अब किसी ने मुझे भी पुकारा

यही एक छोटी सी बस जुस्तजू है
तुम्हीं फिर मिलो गर जनम हो दुबारा

अगर तुम न होते तो मैं भी न होता
कठिन जंग में भी कभी मैं न हारा

मेरे पाँव कैसे फिसल सकते हैं जब
तेरी बाँह का मिल गया हो सहारा

प्रथम बार डर -डर के कैसे मिले थे
नहीं भूल पाता हूँ मैं वो नजा़रा

खुशी में किसी को भी साथी बना लो
ग़मों का है रिश्ता हमारा तुम्हारा