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"दादी बोली मुन्ने से / रवीन्द्र दास" के अवतरणों में अंतर

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दादी बोली मुन्ने से  
 
दादी बोली मुन्ने से  
 
 
चंदा मामा आएगा  
 
चंदा मामा आएगा  
 
 
दूध मलाई लाएगा  
 
दूध मलाई लाएगा  
 
 
तुमको खूब खिलायेगा  
 
तुमको खूब खिलायेगा  
 
 
मुन्ना अचरज से बोला  
 
मुन्ना अचरज से बोला  
 
 
चंदा मेरा मामा है!  
 
चंदा मेरा मामा है!  
 
 
तो फिर मम्मी का भाई  
 
तो फिर मम्मी का भाई  
 
 
पर मम्मी तो कहती है  
 
पर मम्मी तो कहती है  
 
 
उसका कोई भाई नहीं  
 
उसका कोई भाई नहीं  
 
 
तुम मुझको बहलाती हो  
 
तुम मुझको बहलाती हो  
 
 
झूठी बात सिखाती हो  
 
झूठी बात सिखाती हो  
 
 
पापा को बतलाऊंगा  
 
पापा को बतलाऊंगा  
 
 
साथ कभी न आऊंगा  
 
साथ कभी न आऊंगा  
 
 
चंदा दूर चमकता है  
 
चंदा दूर चमकता है  
 
 
वह कैसे घर आ सकता !  
 
वह कैसे घर आ सकता !  
 
 
दादी थी अब सकते में  
 
दादी थी अब सकते में  
 
 
अकल ठिकाने रही नहीं  
 
अकल ठिकाने रही नहीं  
 
 
मुन्ने को बहलाने में  
 
मुन्ने को बहलाने में  
 
 
ख़ुद ही फँस गई घेरे में  
 
ख़ुद ही फँस गई घेरे में  
 
 
बूढ़ी बगले झांक रही  
 
बूढ़ी बगले झांक रही  
 
 
अपना मुंह ख़ुद ताक रही ।  
 
अपना मुंह ख़ुद ताक रही ।  
 
 
दादी अपना ढब बदलो  
 
दादी अपना ढब बदलो  
 
 
बच्चा बड़ा सयाना है  
 
बच्चा बड़ा सयाना है  
 
 
छोटू सबका नाना है।
 
छोटू सबका नाना है।
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09:27, 16 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

दादी बोली मुन्ने से
चंदा मामा आएगा
दूध मलाई लाएगा
तुमको खूब खिलायेगा
मुन्ना अचरज से बोला
चंदा मेरा मामा है!
तो फिर मम्मी का भाई
पर मम्मी तो कहती है
उसका कोई भाई नहीं
तुम मुझको बहलाती हो
झूठी बात सिखाती हो
पापा को बतलाऊंगा
साथ कभी न आऊंगा
चंदा दूर चमकता है
वह कैसे घर आ सकता !
दादी थी अब सकते में
अकल ठिकाने रही नहीं
मुन्ने को बहलाने में
ख़ुद ही फँस गई घेरे में
बूढ़ी बगले झांक रही
अपना मुंह ख़ुद ताक रही ।
दादी अपना ढब बदलो
बच्चा बड़ा सयाना है
छोटू सबका नाना है।