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"देश निकाला दे देगा तो कहाँ जांयगे / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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सब घर द्वार भी ले लेगा  तो कहाँ जांयगे
  
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एक जुवैदा का ही प्रश्न नहीं है केवल
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हम सबको भी फेंकेगा तो कहाँ जांयगे
  
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हम सब तो बेचारे ठहरे वह राजा है
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इक कानून बना देगा तो कहाँ जांयगे
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क्या खायेंगे ,क्या पहनेंगे, रहेंगे कैसे
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सोचो, ऐसा कर देगा तो कहाँ जांयगे
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बाप के बाप के बाप यहाँ कब जन्म लिये थे
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यह प्रमाण यदि मांगेगा तो कहाँ जांयगे
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पूछ रहे हम आज के तानाशाहों से
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वक़्त हमारा आयेगा तो कहाँ जांयगे
 
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14:46, 16 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण

देश निकाला दे देगा तो कहाँ जांयगे
सब घर द्वार भी ले लेगा तो कहाँ जांयगे

एक जुवैदा का ही प्रश्न नहीं है केवल
हम सबको भी फेंकेगा तो कहाँ जांयगे

हम सब तो बेचारे ठहरे वह राजा है
इक कानून बना देगा तो कहाँ जांयगे

क्या खायेंगे ,क्या पहनेंगे, रहेंगे कैसे
सोचो, ऐसा कर देगा तो कहाँ जांयगे

बाप के बाप के बाप यहाँ कब जन्म लिये थे
यह प्रमाण यदि मांगेगा तो कहाँ जांयगे

पूछ रहे हम आज के तानाशाहों से
वक़्त हमारा आयेगा तो कहाँ जांयगे