भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"धार नगर नी तुई वो मालनड़ी / मालवी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
|भाषा=मालवी
 
|भाषा=मालवी
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatMalawiRachna}}
 
<poem>
 
<poem>
 
धार नगर नी तुई वो मालनड़ी
 
धार नगर नी तुई वो मालनड़ी

15:37, 29 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

धार नगर नी तुई वो मालनड़ी
तुई वो चतरड़ी
सेहरड़ो गूंथी लावजे हो
गूंथत-गूंथत सेरिया में आई
सेरिया में आई, बजार में आई
राय हो फलाणा राय नो घर वन्यांनोजी
ऊँची-ऊँची मेड़ो, ने लाल किवाड़ो
दिवलो बळे बत्तीस सरियो जी
राय हो फलाना राय नो घर वन्यांनोजी