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"नींद न आने की स्थिति में लिखी कविता: तीन / शरद कोकास" के अवतरणों में अंतर

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20:48, 1 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

 
नींद न आने की स्थिति में
तारे गिनने का उपदेश देने वाले
खुद कभी तारे नहीं गिनते
 
उनके और तारों के बीच
हमेशा एक छत होती है
हमारी मिहनत से बनाई हुई।