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"प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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अब ये छोटा-सा सफ़र ख़त्म हुआ ही समझें
 
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बुलबुले उठ के किनारों से बात करते हैं
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दो घड़ी आपकी नज़रों पे चढ़ गए थे गुलाब  
 
दो घड़ी आपकी नज़रों पे चढ़ गए थे गुलाब  
 
रात भर चाँद-सितारों से बात करते हैं
 
रात भर चाँद-सितारों से बात करते हैं

02:13, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं
फूल जिस तरह बहारों से बात करते हैं

कुछ तो है और भी इन ख़ाक के पुतलों में ज़रूर
होके जुगनू भी सितारों से बात करते हैं

हम जिसे अपना समझ लें वो कोई और ही है
यों तो करने को हज़ारों से बात करते हैं

अब ये छोटा-सा सफ़र ख़त्म हुआ ही समझें
बुलबुले उठके किनारों से बात करते हैं

दो घड़ी आपकी नज़रों पे चढ़ गए थे गुलाब
रात भर चाँद-सितारों से बात करते हैं