भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रेम / अनन्या गौड़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनन्या गौड़ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:02, 16 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

प्रेम इस जीवन का मूल आधार होता है
निश्चल भावों का इसमें संचार होता है
 इक मन दूजे मन को तब ही पढ़ पाता है
 ईश्वर का जब हम पर यह उपकार होता है
 दुनिया में जीना सुनो आसान नहीं होता
 जीत लेगा निज मन, वही बस पार होता है
 राहों पर असत्य की यहाँ जो भी है चलता
 जीवन उसका तो हाँ केवल खार होता है
 परवाह करे जो अपनों की जान से बढ़कर
 जीतने हर बाजी वही तैयार होता है
 कर लो तुम चाहे पूरी दुनिया का भ्रमण
चरणों में मात पिता के संसार होता है