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"फूल फुललै गमकलै गमकलै हवा! / रूप रूप प्रतिरूप / सुमन सूरो" के अवतरणों में अंतर

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ठूँठ ठारोॅ केॅ देलकै अजूबा छुअन
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प्रीत प्यारोॅ केॅ देलकै अजूबा चुभन
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जिन्दगी के टटैलोॅ-सतैलोॅ घड़ी पर
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तरसलै, बरसलै-बरसलै हवा!
  
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एक लेलकै लहर चाँदनी रात में
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एक देलकै डहर आँख में बात में
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रेशमी बाग बन रेशमी के चलन पर
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ठमकलै, ठुनकलै-ठुनकलै हवा!
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तेज धड़कन चलै साँस के तार पर
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एक सिहरन सिहरलै जे सुकुमार पर
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पैंजनी के नया रागिनी के थिरक पर
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थिरकलै, झमकलै-झमकलै हवा!
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जीव जन्तू चमकलै नया भाव सें
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तन्तु-तन्तु उचकलै नया चाव सें
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नवसृजन के नया ताल-लय पर मगन
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मन उमकलै, बिसरल-बिसरलै हवा!
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मौज-मस्ती पसरलै नया उम्र पर
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एक सुस्ती सँसरलै नया उम्र पर
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बेकली के गढ़न, तेज-तीखोॅ नयन पर
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अड़कलै, बहकलै-बहकलै हवा!
 
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16:44, 30 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

ठूँठ ठारोॅ केॅ देलकै अजूबा छुअन
प्रीत प्यारोॅ केॅ देलकै अजूबा चुभन
जिन्दगी के टटैलोॅ-सतैलोॅ घड़ी पर
तरसलै, बरसलै-बरसलै हवा!

एक लेलकै लहर चाँदनी रात में
एक देलकै डहर आँख में बात में
रेशमी बाग बन रेशमी के चलन पर
ठमकलै, ठुनकलै-ठुनकलै हवा!

तेज धड़कन चलै साँस के तार पर
एक सिहरन सिहरलै जे सुकुमार पर
पैंजनी के नया रागिनी के थिरक पर
थिरकलै, झमकलै-झमकलै हवा!

जीव जन्तू चमकलै नया भाव सें
तन्तु-तन्तु उचकलै नया चाव सें
नवसृजन के नया ताल-लय पर मगन
मन उमकलै, बिसरल-बिसरलै हवा!

मौज-मस्ती पसरलै नया उम्र पर
एक सुस्ती सँसरलै नया उम्र पर
बेकली के गढ़न, तेज-तीखोॅ नयन पर
अड़कलै, बहकलै-बहकलै हवा!