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"मथुरा के लोगवा / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर

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18:17, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आवत है नन्दलाल के हाथी, तूरत डार मीरोरत छाती,
ए नन्दलाल धका जनि दीहऽ धुक्की जनि दीहऽ।
मथुराजी के लोगवा बड़ा रगरी, फेरत है सिर के गगरी,
भींजत है लहँगा चुनरी, बान्हत है टेढ़का पगरी।