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"रास्ता यूँ मेरा ढलान में है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | मेघ उमड़े हैं तो बरसेंगे भी | ||
+ | ये भरोसा किसी किसान में है | ||
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+ | वो मिठाई में ना खटाई में | ||
+ | बात इन्सां की जो ज़ुबान में है | ||
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+ | कैसे बेफ़िक्र भला हो पाऊँ | ||
+ | मेरा हर लम्हा इम्तेहान में है | ||
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15:02, 16 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण
रास्ता यूँ मेरा ढलान में है
हौसला फिर भी आसमान में है
वो किसी और गुलिस्ताँ में कहाँ
सुर्ख गुल जो मेरे गुलदान में है
प्यार, ममता जो मेरी मां देती
वो कहां और इस जहान में है
वो दवा आज तक बनी ही नहीं
एक प्यारी सी जो मुस्कान में है
मुझको पुरखों की विरासत प्यारी
एक खटिया अभी दालान में है
मेघ उमड़े हैं तो बरसेंगे भी
ये भरोसा किसी किसान में है
वो मिठाई में ना खटाई में
बात इन्सां की जो ज़ुबान में है
कैसे बेफ़िक्र भला हो पाऊँ
मेरा हर लम्हा इम्तेहान में है