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रास्ता ये कहीं नही जाता / शीन काफ़ निज़ाम से जुड़े हुए पृष्ठ
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देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- ख़ुद हूं तमाशा ख़ुद ही तमाशाईयों में हूं / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- अब बामो-दर का सर्द बदन चाटती है धूप / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- कहता है अपने आप जो पैकरै-वफा / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- पत्थरो की नदी बह गई शहर में / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- किसी के साथ अब साया नही है / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- आज हर सम्त भागते है लोग / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- गम की नदी में उम्र का पानी / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)
- पहले जमीं बांटी थी फिर घर भी बंट गया / शीन काफ़ निज़ाम (← कड़ियाँ)