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"साँस लेना भी कैसी आदत है / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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साँस लेना भी कैसी आदत है <br>
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जीये जाना भी क्या रवायत है <br>
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साँस लेना भी कैसी आदत है  
कोई आहट नहीं बदन में कहीं <br>
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जीये जाना भी क्या रवायत है  
कोई साया नहीं है आँखों में <br>
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जिये जाते हैं, जिये जाते हैं  
आदतें भी अजीब होती हैं <br><br>
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आदतें भी अजीब होती हैं

10:25, 2 जून 2013 के समय का अवतरण

साँस लेना भी कैसी आदत है
जीये जाना भी क्या रवायत है
कोई आहट नहीं बदन में कहीं
कोई साया नहीं है आँखों में
पाँव बेहिस हैं, चलते जाते हैं
इक सफ़र है जो बहता रहता है
कितने बरसों से, कितनी सदियों से
जिये जाते हैं, जिये जाते हैं
आदतें भी अजीब होती हैं