भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धार / भूषण" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=भूषण | |रचनाकार=भूषण | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatPad}} | ||
<poem> | <poem> | ||
साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धरि | साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धरि | ||
सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है | सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है | ||
− | |||
भूषण भनत नाद बिहद नगारन के | भूषण भनत नाद बिहद नगारन के | ||
नदी-नद मद गैबरन के रलत है | नदी-नद मद गैबरन के रलत है | ||
− | |||
ऐल-फैल खैल-भैल खलक में गैल गैल | ऐल-फैल खैल-भैल खलक में गैल गैल | ||
गजन की ठैल –पैल सैल उसलत है | गजन की ठैल –पैल सैल उसलत है | ||
− | |||
तारा सो तरनि धूरि-धारा में लगत जिमि | तारा सो तरनि धूरि-धारा में लगत जिमि | ||
थारा पर पारा पारावार यों हलत है | थारा पर पारा पारावार यों हलत है | ||
</poem> | </poem> |
18:40, 29 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धरि
सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है
भूषण भनत नाद बिहद नगारन के
नदी-नद मद गैबरन के रलत है
ऐल-फैल खैल-भैल खलक में गैल गैल
गजन की ठैल –पैल सैल उसलत है
तारा सो तरनि धूरि-धारा में लगत जिमि
थारा पर पारा पारावार यों हलत है