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हरिजन / जयप्रकाश कर्दम

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परमपिता है यदि हरि
और सब हैं उसकी संतान तो
क्यों नहीं हैं सब हरिजन
क्यों कहा जाता है हरिजन मुझको ही
मैंने ईश्वर को नहीं देखा
न उसे जानता हूं
न मानता हूं
मैं जानता हूं अपने पिता को
और अपनी मां को
पैदा किया था मुझे जिसने
अपनी कोख से
अपने माता-पिता का जना
मैं उनकी संतान हूं
ईश्वर मेरा पिता नहीं है
मैं हरिजन नहीं हूं।