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कहां धुआं है कहां आग / प्रताप सोमवंशी
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कहां धुआं है कहां आग जान ले तो सही
फिर उसके बाद ही मेरे बयान ले तो सही
वो चाहता है कि मैं उसको मान लूं तो सही
मैं कह रहा हूं कि तू मुझको जान ले तो सही
तू मुझसे रूठ गया है तो बात मत कर ना
जो पान लाया हूं लाले की जान ले तो सही
हर एक बार ज्यादा ही खरा उतरूंगा
तू बार-बार मेरा इम्तहान ले तो सही
आसमां, धूप, छांव और बहुत चीजे हैं
तू अपने पंख से पहली उड़ान ले तो सही