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पंजाबी, गुजरात, मराठा और मद्रासी / दयाचंद मायना

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पंजाबी, गुजरात, मराठा और मद्रासी
जाग उठे हैं भारतवासी...टेक

शान्ति के रूप मैं भारत माता ऐकली थी
याणा-सा समझकै भारत, निगाह गैर ने टेकली थी
सन बैसठ मैं देख ली थी, चीन की बदमासी...

यू.पी. और गड़वाल, ऊठगे साथ म्हं नेपाल हमारे
उड़ीसा, बिहार, पूर्वी बंगाले के जय हिन्द नारे
जोश भरे जवान सारे, सब-डिविजन झांसी...

भुट्टो खान मान तेरे मुँह नै फोड़ दें
पकड़ कै थोबड़ा तेरा उल्टा मरोड़ दें
अमरीका के टेंक तोड़ दें, बात जरासी...

मरणे का भय होता कोन्या, शूरवीर छत्रधारी कै
भूल ना पड़ैगी कदे, ‘दयाचन्द’ प्रचारी कै
याद है दुनिया सारी कै, भगत सिंह की फाँसी...