भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सूतल सेजरिया सखी देखेली सपनवाँ / महेन्द्र मिश्र
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:34, 11 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया)
सूतल सेजरिया सखी देखेली सपनवाँ
निरमोही कान्हा बंसिया बजावेला हो लाल।
सब सखी मिली जुली गावेली कजरिया
से राधारानी झुलुआ झुलावेली हो लाल।
जमुना किनारवा जमुनवाँ के गछिया
चितचोर कान्हा मतिया भोरावेलें हो लाल।
कहत महेन्द्र श्याम भइले निरमोहिया
से नेहिया लगाइ इगा कइले हो लाल।