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अनैतिक कहा गया / शलभ श्रीराम सिंह

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अनैतिक कहा गया मुझको
अनैतिकों के बीच,
सबसे ज़्यादह नैतिक रहा मैं ही
सबसे ज़्यादह ख़तरनाक मोर्चों पर
लड़ता हुआ उम्र भर
सबसे हिस्से की लड़ाई
अनैतिक कहा गया मुझे ही फिर भी ।

शब्दों में रहा ईमानदार
ईमानदार जीवन में
सपनों तक में ईमानदार रहा हूँ मैं
बर्दाश्त करता हुआ नींद में ख़लल
दख़लअन्दाज़ी ज़िन्दगी में
फिर भी कहा गया अनैतिक मुझे ही ।