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वही लोग छै घातोॅ मेॅ / नन्दलाल यादव 'सारस्वत'

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वही लोग छै घातोॅ मेॅ
जे चल्लोॅ छै साथोॅ मेॅ।

सब जानै छै, जानी लेॅ
जोग जगै छै रातोॅ मेॅ।

जिनगी भर नै अइयैं रे
नेता जी के बातोॅ मेॅ।

बीच गंगा मॅे डूबै कम
लोग डुबै छै कातोॅ मेॅ।

सारस्वतॉे की करिये लेतै
सब डुबलोॅ मेॅ जातोॅ मेॅ।