भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मख़दूम मोहिउद्दीन |संग्रह=बिसात-ए-रक़्स / मख़दू…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मख़दूम मोहिउद्दीन
|संग्रह=बिसात-ए-रक़्स / मख़दूम मोहिउद्दीन
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
ये शहर अपना
अजाब शहर है के
रातों में
सड़क पे चलिए तो
सरगोशियाँ सी करता है
वो लाके ज़ख्म दिखाता है
राजे दिल की तरह
दरीचे बंद
गली चुप
निढाल दीवारें
कोढ़ा मोहरें-ब-लब
घरों में मैय्यतें ठहरी हुई हैं बरसों से
किराए पर
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=मख़दूम मोहिउद्दीन
|संग्रह=बिसात-ए-रक़्स / मख़दूम मोहिउद्दीन
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
ये शहर अपना
अजाब शहर है के
रातों में
सड़क पे चलिए तो
सरगोशियाँ सी करता है
वो लाके ज़ख्म दिखाता है
राजे दिल की तरह
दरीचे बंद
गली चुप
निढाल दीवारें
कोढ़ा मोहरें-ब-लब
घरों में मैय्यतें ठहरी हुई हैं बरसों से
किराए पर
</poem>