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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेशमा हिंगोरानी |संग्रह= }} {{KKCatNazm}} <poem> लुभा गया कोई …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेशमा हिंगोरानी
|संग्रह=
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
लुभा गया कोई जाना सा अजनबी मुझको…
मेरी सूखी हुई कलम में सियाही भरने,
मेरी बेजान सी नब्जों को जाँ-फिज़ा<ref>जान डाल देना / तरो-ताज़ा कर देना</ref> करने,
:कौन है,
::कौन है तू,
:::अजनबी,
::::पता तो बता?
मेरी यादों के कटघरे<ref>कैद</ref> में तू मुज्रिम भी नहीं,
शरीक़े-ज़िंदगी<ref>जिंदगी भर का साथी</ref>, न कोई हमसफ़र<ref>साथ चलने वाला</ref> मेरा!
कौन तू अजनबी,
:कहाँ से चला आया है?
मुझे पेहचानता है,
:जानता नहीं है मगर!
कहाँ मिला था,
:कब मिला था,
मुझे याद नहीं!
:हाँ, एक धुंदला-सा,
साया जो हुआ करता था…
:कभी नज़र तो न आया,
मगर छुपा भी न था,
:दूर, जो दूर,
कहीं दूर रहा करता था...
:अभी यहाँ, कभी वहाँ,
कहीं तू ही तो न था?
</poem>
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|रचनाकार=रेशमा हिंगोरानी
|संग्रह=
}}
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<poem>
लुभा गया कोई जाना सा अजनबी मुझको…
मेरी सूखी हुई कलम में सियाही भरने,
मेरी बेजान सी नब्जों को जाँ-फिज़ा<ref>जान डाल देना / तरो-ताज़ा कर देना</ref> करने,
:कौन है,
::कौन है तू,
:::अजनबी,
::::पता तो बता?
मेरी यादों के कटघरे<ref>कैद</ref> में तू मुज्रिम भी नहीं,
शरीक़े-ज़िंदगी<ref>जिंदगी भर का साथी</ref>, न कोई हमसफ़र<ref>साथ चलने वाला</ref> मेरा!
कौन तू अजनबी,
:कहाँ से चला आया है?
मुझे पेहचानता है,
:जानता नहीं है मगर!
कहाँ मिला था,
:कब मिला था,
मुझे याद नहीं!
:हाँ, एक धुंदला-सा,
साया जो हुआ करता था…
:कभी नज़र तो न आया,
मगर छुपा भी न था,
:दूर, जो दूर,
कहीं दूर रहा करता था...
:अभी यहाँ, कभी वहाँ,
कहीं तू ही तो न था?
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