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Kavita Kosh से
वह मंदिर में दीप जलाने की जगह बारूद में तीली जलाता है
मस्जिद में आजान सुनने की जगह हिंसा के नारे लगाता है
गुरुद्वारों में गुरबानी नहीं सुनना चाहता है नौकर
चर्च की चर्चा करता है मगर दबी ज़बान से
नासमझ है ज़रूर
मगर बड़ा ही शातिर है नौकर
पानी में भी आग लगाने में माहिर है नौकर
नौकर देश की नौकरी करना चाहता है मगर राजा बनकर
यह तो ऐसा नौकर है जो हमारा राजा बनना चाहता है
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