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कुछ यूँ ही/रमा द्विवेदी

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{{KKGlobal}} {{KKRachna | रचनाकार=रमा द्विवेदी }}
1-कहीं अहसास बिकते हैं,
कहीं विश्वास बिकते हैं,
अगर दिल टूट जाए तो,
2-कहीं मेंहदी हँसाती है,
कहीं मेंहदी रुलाती है,
पिया का प्यार मिल जाए ,
3-जमाने के हैं क्या कहने,
चुराते आँख का काजल,
अगर हों आँख में आँसू,
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