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Kavita Kosh से
हरेक सवाल पे कहते हो कि यह दिल क्या है
तुम्हीं बताओ, मेरे प्यार की मंजिल मंज़िल क्या है
हमने माना कि तुम्हारे सिवा नहीं है कोई
फिर ये प्याला, ये शराब, और ये महफ़िल क्या है?
कोई यह भी तो कहे, दर्द का हासिल क्या है