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हम इस ख़ुशी के दौर में मर जायँ तो अच्छा
यों तो न रुक सकी कभी कूची तेरी, रंगसाजरँगसाज़!
फिर भी कभी ये हाथ ठहर जायँ तो अच्छा
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