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'''नाम : सुशील राकेश'''
मूलनाम : श्री सुशील कुमार शर्मा
आत्मज : पं. इन्द्र दत्त शर्मा
सुपुत्र : श्री विभांशु शर्मा, श्री दिवांग शर्मा
सुपुत्री : कु० गीतिका शर्मा
शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 'एम.ए.' (अर्थशास्त्र) ंिहंदी हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से 'साहित्य रत्नसाहित्यरत्न'
'''विशेष संदर्भ''' :
. विवेकानंद भारत परिक्रमा समिति, कन्नौज।
. सम्राट हर्षवर्धन चतुर्दश शताब्दी समारोह समिति, कन्नौज।
. मानव मंच, फर्रुख़ााबाद।फर्रुखाबाद।. भारत जन ज्ञान-विज्ञान जत्था, फर्रुख ााबाद।फर्रुखाबाद।
. ग्रामीण मानव विकास संस्थान, कन्नौज।
. सम्राट हर्षवर्धन दान महोत्सव यात्रा समिति, इलाहाबाद।
'''संस्मरण तथा आलेख''' : पं. सुमित्रा नंदन पंत, पं. इलाचद्र जोशी, चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी', डॉ. धर्मवीर भारती, डॉ. प्रताप नारायण टंडन,शमशेर बहादुर सिंह, जगदीश गुप्त, नरेश मेहता, श्रीमती महादेवी वर्मा आदि पर विशेष शोध आलेख तथा संस्मरण प्रकाशित।
'''उल्लेखनीय कार्य''' :
९.१९८१ में प्रगतिशील लेखक संघ, कन्नौज के महामंत्री रहे।
१०.१९८६ से निरंतर प्रगतिशील लेखक संघ, कन्नौज के अध्यक्ष।
११.१९८७ में उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, लखनऊ के स्वर्ण जयंती अधिवेशन के महामंत्री रहकर कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें देश-विदेश के चार सौ से अधिक साहित्यकारों ने भाग लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिये।
१२.१७ सितंबर १९८७ को इलाहाबाद से कन्नौज महीयशी महादेवी वर्मा का अस्थि कलश लाकर ससस्मान नगरवासियों के बीच गंगा में विसर्जित किया।
१३.१७ सितंबर १९८८ से हिंदी की प्रतिष्ठा के लिए कन्नौज व फर्रुख़ााबाद फर्रुखाबाद जनपदों में एक सौ साठ कि.मी. की हिंदी मानक पदयात्रा करके गाँव-गाँव हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए संगोष्ठियां की।१४.१९८८ में कन्नौज से फर्रुख ााबाद फर्रुखाबाद(महादेवी वर्मा के जन्म स्थली तक) 'हिंदी ज्योति' के प्रबंधक के रूप में कार्य किया जो श्री आशुतोष मिश्र 'मधुकर' के नेतृत्व में पच्चीस युवकों द्वारा दौड कर साठ किलोमीटर ले जायी गई।
१५.१९८६ में महादेवी कलश यात्रा के प्रबंधक रहे।
१६.१९९० में सम्राट हर्ष वर्धन चतुर्दश शताब्दी समारोह, कन्नौज के महामंत्री रहे जिसमें देश-विदेश के लगभग १५० इतिहासकारों ने भाग लिया।
१९.१९८६ से १९९४ तक उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, कन्नौज समिति के प्रधानमंत्री के रूप में रहकर अनेक संगोष्ठीयां आयोजित कीं।
२०.१९९२ में विवेकानंद भारत परिक्रमा समिति के संयोजक थे।
२१.१९९२ में फर्रुख ााबाद फर्रुखाबाद के 'भारत जन ज्ञान विज्ञान जत्था-९२' के अध्यक्ष रहे।
२२.१९९६ में संगीत महोत्सव के संयोजक रहे।
२३.१९९२-९४ तक उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, लखनऊ के प्रचार मंत्री रहे।