भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वत्सला पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>आंख ठहर जाती ह…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वत्सला पाण्डे
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>आंख ठहर जाती है
मिट जाती है
देखने की चाहत
रूक जाती है
दुनिया
ठहर जाता है
समय
तब
दुनिया नहीं दिखती
रह जाती हैं
कठपुतलियां
नचाते हाथों में
रह गई हैं डोरियां
कब देख सकेंगे
सामने बैठकर
कठपुतली वाले का
तमाशा
बजा सकेंगे
खुश होकर
तालियां !!
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=वत्सला पाण्डे
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>आंख ठहर जाती है
मिट जाती है
देखने की चाहत
रूक जाती है
दुनिया
ठहर जाता है
समय
तब
दुनिया नहीं दिखती
रह जाती हैं
कठपुतलियां
नचाते हाथों में
रह गई हैं डोरियां
कब देख सकेंगे
सामने बैठकर
कठपुतली वाले का
तमाशा
बजा सकेंगे
खुश होकर
तालियां !!
</poem>