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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=घनश्याम कुमार 'देवांश' |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> प्या…
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{{KKRachna
|रचनाकार=घनश्याम कुमार 'देवांश'
|संग्रह=
}}
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<poem>
प्यार करने वाले
अबोध भेड़ शावकों की तरह होते हैं
कसाई की गोद में भी
चढ़ जाते हैं
और
आदत से मजबूर बेचारे
भेडिये की थूथन
से भी नाक सटाकर
प्यार सूंघने लगते हैं....</poem>
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प्यार करने वाले
अबोध भेड़ शावकों की तरह होते हैं
कसाई की गोद में भी
चढ़ जाते हैं
और
आदत से मजबूर बेचारे
भेडिये की थूथन
से भी नाक सटाकर
प्यार सूंघने लगते हैं....</poem>